दोस्तो आज इतना शिक्षित समाज होते हुए भी हमलोगो का अधिकार सुरक्षित नहीं है।आज हरसरकारी या गैर सरकारी काम करवाने लिए हमलोगो को घुस देना पड़ता है।सरकार जो सुविधा या योजना आम जनता को हीत लिए बनाती है उसका पुरा -पुरा लाभ आम जनता को ही नही मिल पाता है। इसका सिर्फ एक ही कारण है और वो ये है कि हम अपने अधिकार के लिए लड़ते नहीं है।हमलोग इतने स्वार्थी हो गए है कि अपने हर काम के लिए दुसरो से उम्मीद रखते है।आखिर क्यों हमलोग ऐसा सोचते है। हमारा काम कोई दुसरा व्यक्ती क्यों करेगा।क्या हम इतने लाचार हो गए है।नहीं ,ऐसा हम इसलिए सोचते है क्योंकी हमे अपने आप पर भरोसा नहीं होता है।और इसी का फायदा उठाकर दुसरे लोग हमारा हक और अधिकार छिन लेते है।हमारे अपनी कमी के कारण ही आज हर जगह हर डिपार्टमेंट मे,हर योजना का लाभ हमलोगो को नही मिल पाता है।आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा।क्या हमलोग इस तरह जीने के लिए पढ़ाई किए है।एक बात हमेशा याद रखना मेरे दोस्तो पढ़ाई सिर्फ नौकरी पाने के लिए नहीं किया जाता है बल्की पढ़ाई अपने हक और अधिकारो की सुरक्षा करते हुए जिंदगी जीने के लिए किया जाता है।
आईए हम सब मिलकर ये संकल्प लें की आज के बाद हम कोई गलत काम नही करेंगे और ना ही करने देंगें।क्योंकी सरकार हमारे साथ है।
सर्व साधारण की शिकायतों का एक निश्चित समय-सीमा में समाधान कराने के उद्देश्य से 5 जून, 2016 से पूरे राज्य में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम लागू किया गया है।
क्या खास है इस कानून में ?
इस कानून से सभी आवेदकों को 60 कार्य दिवसों में -
- उनकी शिकायतों की सुनवाई
- उसके निवारण का अवसर तथा
- उस पर निर्णय की सूचना प्राप्त होने का कानूनी अधिकार प्राप्त हो गया है।
शिकायत का तुरंत निबंधन संख्या/पावती प्रदान करते हुए
सुनवाई की तिथि बतायी जाती है
तथा शिकायतकर्ता एवं शिकायत के विषय से
संबंधित सरकारीकर्मी के
आमने-सामने सुनवाई कर शिकायत का
समाधान किया जाता है।
साथ ही, निर्णय की प्रति भी उपलब्ध कराई जाती है
ताकि निर्णय से व्यथित होने की स्थिति में अपील
दायर किया जा सके।
कैसी शिकायतें दर्ज करायी जा सकती है?- राज्य सरकार द्वारा राज्य में चलायी जा रही किसी योजना,
- कार्यक्रम एवं सेवा के संबंध में कोई लाभ प्राप्त करने के लिए या
- ऐसा लाभ प्राप्त होने में हो रही देरी या विफलता के लिए या
- किसी लोक सेवक द्वारा राज्य में लागू किसी नियम- नीति-विधि की
- अवहेलना किए जाने के मामले में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को
- परिवाद दायर किया जा सकता है।
सुविधा के लिए परिवाद दायर किये जाने वाले विषयों की
सूची लोक शिकायत प्राप्ति केन्द्रों एवं वेबसाईट
पर उपलब्ध है।
परिवाद कौन दायर कर सकता है?कोई भी नागरिक या नागरिकों के समूह द्वारा
शिकायत दर्ज करायी जा सकती है।
परिवाद निःशुक्ल दायर किये जाते हैं।
परिवाद कैसे दायर किये जा सकते हैं?- अनुमंडल, जिला एवं राज्य मुख्यालय में अवस्थित लोक
- शिकायत प्राप्ति काउंटर पर जाकर अथवा
- ऑन लाईन- वेब पोर्टल http://lokshikayat.bihar.gov.in द्वारा अथवा
- कॉल सेंटर के टॉल फ्री नं0- 18003456284 के माध्यम से अथवा
- ई-मेल info-lokshikayat-bih@gov.in से अथवा
- डाक द्वारा।
विगत लगभग एक वर्ष में 1.50 लाख से अधिक व्यक्ति पेयजल, सफाई,
शौचालय निर्माण, आवास योजना, राशन-किरासन, बिजली संबंधी मामले,
अतिक्रमण, भूमि मापी, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य कल्याणकारी कार्यक्रम
से जुड़े हुए अपनी समस्यावों का समाधान इस अधिनियम के
अन्तर्गत करा चुके हैं।
आप भी राज्य सरकार द्वारा राज्य में चलायी जा रही किसी योजना,
कार्यक्रम एवं सेवा का लाभ प्राप्त करना चाहते हों अथवा इसके संबंध में
कोई शिकायत हो तो निःसंकोच परिवाद दायर करें तथा इस पारदर्शी,
जवाबदेह, प्रभावकारी एवं लोकोपयोगी व्यवस्था का लाभ उठावें।